इतिहास: अर्थ,उत्पत्ति,प्रमुख परिभाषाएँ
इतिहास का क्या अर्थ हैं ?
इतिहास मानव विकास क्रम की वैज्ञानिक, क्रमबद्ध और व्यवस्थित जानकारी प्राप्त करने का विज्ञान है। यह उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अतीत में घटित हुई घटनाओं का विश्लेषणात्मक और तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराता है।
इतिहास की उत्पत्ति
(1) ‘इतिहास’ शब्द का सर्वप्रथम उल्लेख अथर्ववेद में किया गया है।
(2) ‘इतिहास’ शब्द संस्कृत भाषा के तीन शब्दों 1. ‘इति’ (ऐसा ही), 2. ‘ह’ (निश्चित रूप से), 3. ‘आस‘ (था) से मिलकर बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – निश्चित रूप से ऐसा ही था।
(3) इतिहास का अंग्रेजी शब्द ‘हिस्ट्री’ (History) की व्युत्पत्ति ग्रीक (यूनानी) भाषा के ‘हिस्टोरिया’ (Historia) से हुई है, जिसका शाब्दिक अर्थ है- शोध ( गवेषणा ) से प्राप्त ज्ञान।
हेरोडोट्स (इतिहास का पिता)
(1) रोमन दार्शनिक सिसरो ने हेरोडोट्स को ‘इतिहास का पिता’ की संज्ञा दी है ।
(2) यूनानी इतिहासकार हेरोडोट्स (484 ई.पू. – 425 ई.पू.) का जन्म 484 ई.पू. एशिया माईनर के हेलिकारनेसस में हुआ था।
(3) हेरोडोटस अपने ग्रंथ ‘हिस्टोरिका’ में 5वीं शताब्दी ई. पू. के भारत–फारस सम्बन्धों का वर्णन व्यापारियों से मिलीं जानकारियों के आधार पर किया है, क्योंकि वह स्वयं कभी भारत नहीं आया, अत: उसका विवरण पूर्णतः प्रामाणिक नहीं है।
इतिहास की प्रमुख परिभाषाएँ
(1) ई.एच.कार (Edward hallett Carr) (ब्रिटेन के इतिहासकार) – “इतिहास अतीत और वर्तमान के बीच का अनवरत संवाद है।“
(2) बी.क्रोचे – “समस्त इतिहास समसामयिक इतिहास है।“
(3) जे. बी. ब्यूरी – “इतिहास विज्ञान हैं, न उससे कम न उससे ज्यादा।“
(4) कार्ल मार्क्स – “समस्त पूर्ववर्ती इतिहास वर्ग संघर्ष का इतिहास है।“
(5) कार्ल मार्क्स – “इतिहास अपने आप को दुहराता हैं, पहले त्रासदी, बाद में प्रहसन के रूप में।“
(6) हीगेल – “हम इतिहास से यही सबक लेते हैं कि आदमी इतिहास से कभी सबक नहीं लेता।“
(7) आर.जी.कॉलिंगवुड़ – “समस्त इतिहास विचारों का इतिहास है।“
(8) आर.जी.कोलिंगवुड – “सच यह है कि इतिहास में अतीत वर्तमान के साथ बदलता है।“
(9) आर.जी.कोलिगंवुड – “इतिहास की विषय वस्तु, क्रान्ति, संस्कृति जैसे सामान्य तथ्य या महान व्यक्तित्व जैसे तथ्य विशेष नही है, लेकिन यह विचार है।“
(10) वॉन रॉके – “इतिहासकार से यही अपेक्षित हैं कि जो अतीत में जैसा था, उसे वैसा ही प्रदर्शित कर दे।“
(11) वॉन रॉके – “यदि इतिहासकार तथ्य के विषय में सावधान हैं तो ईश्वर इतिहास के लिए सावधान रहेगा।“
(12) रेनियर – “इतिहास सभ्य समाज में रहने वाले मनुष्य के कार्यों के अनुभव की कहानी है।“
(13) ट्रेवेलियन – “इतिहास अपने अपरिवर्तन अंश में एक कहानी है।“
(14) ट्रेवेलियन – “इतिहास का महत्व वैज्ञानिक नहीं है। इसका महत्व शैक्षिक है।“
(15) जी.आर.एल्टन – “इतिहासकार जिसे लिखता है, वही इतिहास हैं।“
(16) डेविड ह्यूम – “इतिहास उपन्यास से अधिक रूचिकर होता है।“
(17) इरिक होब्सहॉम – “बुरा इतिहास अहानिकारक इतिहास नहीं हैं, यह खतरनाक हैं।“
(18) स्पेगंलर – “इतिहास अतीत के अनुभवों का पुनर्विधायन है।“
(19) सीले – “इतिहास विगत की राजनीति है।“
(20) ओकशॉट – “इतिहास की परिसमाप्ति वर्तमान में होती है न कि भविष्य में।“
(21) कौटिल्य – “राजा को प्रतिदिन कुछ समय इतिहास श्रवण में लगाना चाहिए।“
(22) कल्हण – “जो व्यक्ति अतीत की घटनाओं को लिपिबद्ध करना चाहता है, उसे न्यायाधीश की तरह किसी भी पूर्वाग्रह से मुक्त होना चाहिए।“
(23) कल्हण – “अतीत वृतान्तो के लेखन में वहीं इतिहासकार वस्तुनिष्ठ, निष्पक्ष है, जो राग–द्वेष से परे है।“
(24) डी.डी कौशाम्बी – “उत्पादन के संसाधनों व सम्बन्धों में उत्तरोत्तर परिवर्तनों का विधि क्रमानुसार प्रस्तुतीकरण ही इतिहास है।“
(25) शेक अली – “इतिहास की उपेक्षा करने वाले राष्ट्र का कोई भविष्य नहीं होता।“
(26) इब्न खालदून – “पूर्वाग्रह और पक्षपात आलोचनात्मक दृष्टि को धुंधला करते है तथा आलोचनात्मक अन्वेषण को बाधित करते है।“
“मुफ्त शिक्षा सबका अधिकार आओ सब मिलकर करें इस सपने को साकार”
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